A Sonnet in Hindi for the new Batch 2015-17 of Students in SCIT

— प्रसेनजित सेन

 

Image courtesy for featured image:
https://web.archive.org/web/20160210201034/http://www.ric.edu/educationalstudies/images/youthDev.jpg

यह है एक शिक्षा परिवेश अनन्य

योगदान करके होंगे आप धन्य ||

उच्चमान ,भावधारा से है यह पुष्ट

अध्यनरत छात्र- छात्री अतिशय तुष्ट ||

कंप्यूटर प्रयोगशाला है सुगठित और आधुनिक

पाठ् क्रम सुचिंतित , विधि धारा प्रथागत वैज्ञानिक ||

प्रांगण आलोकित , हास्य -मुखर अभिनव विनोदन

कभी दुर्दम क्रीड़ा , कभी नृत्य नाट्य या गीतिमय गुंजन ||

 

दैनिक जीवन यहाँ एक  अनुपम छंद

प्रगति मंद -ताल कभी , कभी प्राणमय तरंग ||

दिशा मेरा होना है सार्थक मानव , आत्म-विकास

पर्यावरण रक्षा ,मानव सेवा से करते हम इनका प्रकाश ||

करना है विस्तार उच्च मानवता का सौरभ

                         महान चेतना , एक अपार्थिव प्रज्ञा , दैव्य वैभव ||

 

देखेंगे हम यहाँ एक अपरूप प्रकृति – वैभव

तुम्हारा स्पर्श , हे सृष्टिकर्ता ! एक अपार्थिव अनुभव